
साहित्य मेरा रंग में आपका स्वागत है। सुनिए वरिष्ठ कथाकार डॉ.सूर्यबाला की कहानी 'मुक्तिपर्व'। सूर्यबाला ने अभी तक 150 से अधिक कहानियाँ, उपन्यास, व हास्य व्यंग्य लिखे हैं। इनमें से अधिकांश हिंदी की प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। अनेकों आकाशवाणी व दूरदर्शन पर प्रसारित हुए हैं और बहुतों का देश विदेश की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इस आयोजन की प्रस्तुतकर्ता हैं साहित्य मेरा रंग की संचालक शालिनी श्रीनेत।
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